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Eesawad aur Purvottar Bharat Ka Sanskritik Sanhar (ईसावाद और पूर्वोत्तर भारत का सांस्कृतिक संहार)
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Garuda Prakashan
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ISBN 13 | 978-1942426998 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 283 |
Release Year | 2021 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Non-Fiction Indian History History Colonialism n Imperialism History History and Environment History of Civilization & Culture |
Weight | 350.00 g |
Dimension | 15.00 x 23.00 x 2.00 |
Details
भारत में ईसावाद का अकबर के दरबार से प्रारम्भ, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उसकी भूमिका, और फिर आगे चलते हुए पूर्वोत्तर के सभी सातों राज्यों में धीरे-धीरे ईसावाद का प्रवेश और उसका समाज और संस्कृति पर विध्वंसक प्रभाव—लेखक ने एक भारत में ईसावाद की यात्रा का एक व्यापक वृत्त खींचा है। साथ ही पुस्तक ये भी प्रश्न उठाती है कि क्या हमारे संविधान के तहत अल्पसंख्यकों को दिए गए विशेष अधिकारों का दुरुप्योग नहीं हो रहा है? या फिर ये मान्यता कि संविधान समाज में अपने “मजहब” को प्रचारित करने की खुली छूट—खुली प्रतिस्पर्धा की छूट प्रदान करता है? और यदि ऐसा है, तो फिर क्या एक लोकतंत्र में ये अपेक्षित है?
Customer Rating
Reviews
जय हो
जब सस्ती होगी तब खरीदूँ गा
Review by -
chandan kumar chourasiya,
March 06, 2022
मिसनरियो.का षडयंत्र
पूर्वोतर भारत मे किस तरह ईसाई मिसनरी षडयंत्र रच रहे है । हिंदुओं को नष्ट कर रहे है । उसका उजागरता करता हुए यह पुस्तक ।
Review by -
Avadhesh Singh,
March 15, 2022
Best book
Must read❤
Review by -
Abhishek Ayushya,
June 07, 2022