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Krishnanshi: Praachin Bhaarat ki Avismaraniy Vismrtiyaan

by   J. N. Rishivanshi (Author)  
by   J. N. Rishivanshi (Author)   (show less)
Sold By:   Garuda Prakashan
₹449.00₹382.00

Short Descriptions

प्राचीन भारत की एक राजकुमारी– वंशिका, जिसके भीतर एक अनसुलझा खालीपन है। उसके  सोलहवें जन्मदिन पर, एक अजनबी उसे एक विचित्र तोहफा भेजता है।इससे पहले कि वह समझ पाए उसे तोहफा पसंद है या नापसंद, एक दुर्घटना उसका संपर्क उसके भयानक अतीत से करवा देती है।

More Information

ISBN 13 9798885750905
Book Language Hindi
Binding Paperback
Publishing Year 2023
Total Pages 336
Publishers Garuda Prakashan  
Category Thriller   Feminism   Literature  
Weight 339.00 g
Dimension 15.24 x 20.32 x 2.00

Details

यह कहानी है प्राचीन भारत की, उस समय की एक राजकुमारी की; जो आज के समय में फिर से जन्मी है! जिसका नाम है – वंशिका, जिसके भीतर एक अनसुलझा खालीपन है। उसके अस्तित्व के आधे भाग-सा कोई... जो केवल सपनों में दिखता है। फिर, सोलहवें जन्मदिन पर, एक अजनबी उसे एक विचित्र तोहफा भेजता है।

इससे पहले कि वह समझ पाए उसे तोहफा पसंद है या नापसंद, एक दुर्घटना उसका संपर्क उसके भयानक अतीत से करवा देती है। वह अतीत जो उसे युगों से, बेचैनी से ढूँढ रहा है! उस रात प्रारब्ध उसे एक ऐसे अज्ञात लक्ष्य की दौड़ में धकेल देता है जहाँ से मुड़ने का विकल्प नहीं; क्योंकि उसके पैरों को सतत भगा रहे हैं— एक विकराल तांत्रिक के भेजे अमानुषी हत्यारे, रहस्यमयी टेक्नोलोजी युक्त हथियारों वाले योद्धा, अतीन्द्रीय शक्तियों वाले ऋषियों का संघ जो उस अस्पष्ट लक्ष्य के लिये उसे तैयार करने का प्रस्ताव रखता है! कॉलेज और गुरुकुल के बीच की उसकी यह दौड़भाग कठिनाइयों, रोमांस, हास्य और खतरों भरी होती है। क्या वंशिका इस मकर जाल से निकल पाती है? इस रहस्य से पर्दा उठता है और ऐसे अनेकों जिज्ञासाओं के उत्तर पाने के लिए अवश्य पढ़ें, ये पुस्तक।

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