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Krishnanshi: Praachin Bhaarat ki Avismaraniy Vismrtiyaan

Krishnanshi: Praachin Bhaarat ki Avismaraniy Vismrtiyaan

by   J. N. Rishivanshi (Author)  
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5.0 Ratings & 3 Reviews
Sold By:   Garuda Prakashan
₹449.00₹280.00

Short Description

प्राचीन भारत की एक राजकुमारी– वंशिका, जिसके भीतर एक अनसुलझा खालीपन है। उसके सोलहवें जन्मदिन पर, एक अजनबी उसे एक विचित्र तोहफा भेजता है।इससे पहले कि वह समझ पाए उसे तोहफा पसंद है या नापसंद, एक दुर्घटना उसका संपर्क उसके भयानक अतीत से करवा देती है।

More Information

ISBN 13 9798885750905
Book Language Hindi
Binding Paperback
Publishing Year 2023
Total Pages 336
Publishers Garuda Prakashan  
Category Thriller   Feminism   Literature   History of Ancient India   Fiction  
Weight 339.00 g
Dimension 15.24 x 20.32 x 2.00

Customer Rating

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कृष्णांशी - प्राचीन भारत की अविस्मरणीय विस्मृतियाः

कृष्णांशी उपन्यास अतीत और वर्तमान दौनों कालखंड में विचरण करते हुए पाठक को भारत के स्वर्णिम दौर से गुजरते हुए एक मजेदार रोमांचकारी यात्रा के साथ साथ भारतीय इतिहास के गौरवशाली अतीत को पुनः आंखों के सामने जीवंत कर. देता है। साथ ही रोचक कथानक के साथ सच्चाई से अवगत कराता हे।
Review by - प्रद्युम्न दास वैष्णव , April 21, 2023

My favorite

A fun way to know our true History through a gripping story.
Review by - Juhi Vaishnav, April 28, 2023

Great

Wonderful to read. Great writing & language
Review by - Hardik Dasgupta, February 06, 2024
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Product Details

वंशिका को एक ऐसी दुनिया सपनों में दिखती है जो न जाने कितने युगों पहले अतीत हो चुकी! इन दृश्यों की पृष्ठभूमि में प्राचीन भारत का ऐसा चित्र उसे दिखता है जिसके अंश वर्तमान में उपलब्ध इतिहास से मिटा दिये गए हैं...

ये कहानी है प्राचीन भारत की, उस समय की एक राजकुमारी की; जो आज के समय में फिर से जन्मी है! वंशिका के भीतर एक अनसुलझा खालीपन है। उसके अस्तित्व के आधे भाग-सा कोई... जो केवल सपनों में दिखता है। फिर, सोलहवें जन्मदिन पर, एक अजनबी उसे एक विचित्र तोहफा भेजता है।

इससे पहले कि वह समझ पाए उसे तोहफा पसंद है या नापसंद, एक दुर्घटना उसका संपर्क उसके भयानक अतीत से करवा देती है। वह अतीत जो उसे युगों से, बेचैनी से ढूँढ रहा है! उस रात प्रारब्ध उसे एक ऐसे अज्ञात लक्ष्य की दौड़ में धकेल देता है जहाँ से मुड़ने का विकल्प नहीं; क्योंकि उसके पैरों को सतत भगा रहे हैं— एक विकराल तांत्रिक के भेजे अमानुषी हत्यारे, रहस्यमयी टेक्नोलोजी युक्त हथियारों वाले योद्धा, एक नकाबपोश जो उसका रक्षक होने का दावा करता है, अतीन्द्रीय शक्तियों वाले ऋषियों का संघ जो उस अस्पष्ट लक्ष्य के लिये उसे तैयार करने का प्रस्ताव रखता है! कॉलेज और गुरुकुल के बीच की उसकी यह दौड़भाग कठिनाइयों, रोमांस, हास्य और खतरों भरी होती है।

'कृष्णांशी' क्यों पढ़ें ?

प्राचीन भारत के सूर्य से चमचमाते इतिहास और अतिविकसित विज्ञान के बहुत से अद्भुत तथ्य ऐसे हैं, जिन्हें मुख्यधारा के इतिहासकार नहीं मानते। इस अन्यायपूर्ण उपेक्षा के कारण हममें से अधिकतर इनसे अनजान हैं।

इनमें से चंद तथ्य भी पढ़कर यह एहसास होता है कि हम भारत के सच्चे ऐतिहासिक चेहरे को कुछ भी नहीं जानते— दशमांश भी नहीं!

हमारे स्वर्णिम इतिहास पर अनेकों ग्रंथ उपलब्ध हैं; अधिकतर का स्वरूपअकैडमिकहै और ये सामान्य पाठकों के लिए रुचिकर नहीं हैं।

यह उपन्यास हमारे इतिहास को रुचिकर ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास है— साहित्य क्षेत्र में एक नया प्रयोग है, दो शैलियों के मिश्रण का दुस्साहस है तथ्यात्मक रिसर्च और मज़ेदार कहानी कहती उपन्यास शैली का...

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