Shop by Category
Urban Naxals (Hindi)

Urban Naxals (Hindi)

by   Vivek Agnihotri (Author)  
by   Vivek Agnihotri (Author)   (show less)
5 Ratings & 4 Reviews
Sold By:   Garuda Prakashan
₹399.00₹230.00
Usually Dispatched within 3-4 Business Days

Short Description

Buy Now

More Information

ISBN 13 9781942426707
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 469
Edition 2021
Publishers Garuda Prakashan  
Category Best Seller Books   Social Impact   Offers  
Weight 550.00 g
Dimension 14.00 x 21.00 x 2.00

Customer Rating

5 Star

5 Ratings & 4 Reviews
5 Star
100 %
4 Star
0 %
3 Star
0 %
2 Star
0 %
1 Star
0 %

Reviews

Books

बहुत अच्छा कार्य कर रहा है गरुड़ प्रकाशन,
Review by - Rohit Chaudhary, March 01, 2022

Books

Very good book thanks sir
Review by - कुमार पवन, March 16, 2022

पुस्तक के बारे में

बहुत सुंदर
Review by - कुमार पवन, March 19, 2022

बहुत बढ़िया

अच्छे बताया गया फ़िल्म द्वारा अभी ये पुस्तक भी पढ़नी शुरू की इसमें रोचक जानकारी है।जो हमारे सामने होते हुए भी अदृश्य रही।
Review by - हितेष, March 24, 2022
View All Reviews

Frequently Bought Together

This Item: Urban Naxals (Hindi)

₹230.00


Sold by: Garuda Prakashan

₹270.00


Sold By: Garuda Prakashan

₹777.00


Sold By: Pregyanam Publicat...

Choose items to buy together

ADD TO CART

Book 1
Book 2
Book 2

This Item: Urban Naxals (Hindi)

Sold By: Garuda Prakashan

₹230.00

Saffron Swords

Sold By: Garuda Prakashan

₹270.00

Total Price : ₹230.00

Product Details

सफल बॉलीवुड निर्देशक विवेक अग्निहोत्री एक फिल्म बनाते हैं "बुद्धा इन ए ट्रैफिक जैम"। एक ऐसी फिल्म जिसमें कोई पैसा नहीं लगाना चाहता; एक ऐसा निर्देशक जिसे ये फिल्म बनाने के लिए 'बॉलीवुड परिवार' से अलग कर दिया जाता है; उनके मित्र भी पीछे हट जाते हैं। एक ऐसी फिल्म जिसे बनाने विवेक अग्निहोत्री स्वयं अकेले ही चल पड़ते हैं--और धीरे-धीरे उनका साथ देने वाले भी मिल जाते हैं।
किन्तु न सिर्फ फिल्म जगत में, बल्कि शिक्षण संस्थानों में स्थापित सत्ता भी नहीं चाहती थी कि ये फिल्म दर्शकों तक पहुँचे। जब इस फिल्म को सिनेमा के परदे पर आने की आशा समाप्त होती दिखी, तो विवेक अग्निहोत्री ने इस फिल्म को देश के कुछ बहुत ही प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों, तकनीकी संस्थानों में जा-जा कर प्रदर्शित करने का निर्णय लिया।
ऐसा क्या था इस फिल्म में कि कई बार उन पर जानलेवा हमले हुए और फिल्म के प्रदर्शन को रोकने के लिए अनेक हथकंडे अपनाए गए?
अर्बन नक्सल्स एक फिल्म के बनने से लेकर उसके प्रदर्शन को रोकने तक की पूरी यात्रा के दौरान हुई घटनाओं के जरिये 'अर्बन नक्सल्स' का रहस्योद्घाटन करती है।