भारत के जनजातीय क्रान्तिवीर Bharat Ke Janjaatiya Krantiveer: Swatantrata Sangram ki 75 Unsuni Kahaniyaan, Dhaval Patel
Short Descriptions
भारतवर्ष को दासता के चंगुल से मुक्त कराने व स्वराज की स्थापना करने के लिए देश के असंख्य वीर सेनानियों व क्रांतिकारियों ने अपना जीवन भारत माता के चरणों में समर्पित किया है। किन्तु दुर्भाग्यवश, उनमें से बहुत-से योद्धा ऐसे हैं, जिन्हे मानक इतिहास पुस्तकों में किसी कारणवश उनका यथोचित स्थान नहीं मिल सका। यह बात देश के विभिन्न जनजातीय समुदायों से आने वाले क्रान्तिवीरों के योगदान के विषय में और भी सटीकता से लागू होती है। यह पुस्तक ऐसे ही जनजातीय क्रान्तिवीरों की अल्पज्ञात अमरगाथाओं का यशोगान कर उन्हें जनसामान्य के समक्ष रखने एक छोटा-सा प्रयास है।
More Information
ISBN 13 | 9789392209161 |
Book Language | English |
Total Pages | 312 |
Edition | 1st |
Publisher | BluOne Ink |
Author | Dhaval Patel |
Category | Non-Fiction |
Weight | 500.00 g |
Dimension | 14.00 x 22.00 x 2.00 |
Details
भारतवर्ष को दासता के चंगुल से मुक्त कराने व स्वराज की स्थापना करने के लिए देश के असंख्य वीर सेनानियों व क्रांतिकारियों ने अपना जीवन भारत माता के चरणों में समर्पित किया है। किन्तु दुर्भाग्यवश, उनमें से बहुत-से योद्धा ऐसे हैं, जिन्हे मानक इतिहास पुस्तकों में किसी कारणवश उनका यथोचित स्थान नहीं मिल सका। यह बात देश के विभिन्न जनजातीय समुदायों से आने वाले क्रान्तिवीरों के योगदान के विषय में और भी सटीकता से लागू होती है। यह पुस्तक ऐसे ही जनजातीय क्रान्तिवीरों की अल्पज्ञात अमरगाथाओं का यशोगान कर उन्हें जनसामान्य के समक्ष रखने एक छोटा-सा प्रयास है। अदम्य साहस, अतुलनीय शौर्य व अटूट स्वाभिमान से भरी ये कथाएँ न केवल ज्ञानवर्धक हैं, अपितु सभी देशवासियों के लिए महान प्रेरणास्रोत भी हैं। यह पुस्तक मातृभूमि के प्रति निष्ठा व अपने पराक्रम से क्रांति की ज्वाला को अनवरत प्रज्वलित रखने वाले तथा स्वाधीनता की यज्ञवेदी पर अपने प्राणों को होम कर देने वाले महान् जनजातीय क्रान्तिवीरों के प्रति एक विनम्र श्रद्धासुमन है।