Shop by Category
Beti (cristhi ka aadhar)

Beti (cristhi ka aadhar)

Sold By:   Anuradha Prakashan
₹200.00₹180.00

More Information

ISBN 13 9789388278195
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 64
Author SATISH CHANDRA TIWARI
Editor 2018
GAIN HUDZON3XN8S
Category Poetry  
Weight 200.00 g

Frequently Bought Together

This Item: Beti (cristhi ka aadhar)

₹180.00


Sold by: Anuradha Prakashan

₹163.00


Sold By: Swadhyayam

₹509.00


Sold By: Garuda Prakashan

Choose items to buy together

ADD TO CART

Book 1
Book 2
Book 2

This Item: Beti (cristhi ka aadhar)

Sold By: Anuradha Prakashan

₹180.00

Chuni Hui Kavitayen

Sold By: Swadhyayam

₹163.00

Total Price : ₹180.00

Product Details

इस पुस्तक का प्रयोजन मानव समाज को कोई विशेष प्रकार की शिक्षा देना नहीं है बल्कि इस पुस्तक से मेरा प्रयोजन "मानवता” से है भावनाओं में मानवीयता की जागृति से है जो अनादिकाल से चले आए है | तकनीकीकरण ने मानव समाज को बहुत कुछ दिया है लेकिन मानवता के अभाव में बहुत कुछ छीनता भी जा रहा है उदाहरण के तौर पर अल्ट्रासाउण्ड जैसी तकनीक को लिया जा सकता है, जो जीवन बचाने के लिए विकसित की गयी थी, परंतु मानवता के अभाव में इसने संसार से असंख्य बेटियों को छीन लिया, "यूनीसेफ” के अनुसार - दस प्रतिशत महिलाएँ विश्व की जनसंख्या से लुप्त हो चुकी हैं।यह पुस्तक किसी व्यक्ति, धर्म, जाति, लिंग, समुदाय, राज्य, देश आदि की भावनाओं को किंचित मात्र भी ठेस पहुँचाना नहीं चाहती, बल्कि यह पूरे विश्व समाज से बहुत ही मार्मिकता के साथ अपील करना चाहती है कि बिना समय गँवाए, मानवता के विकास कार्य में जुट जाएँ क्योंकि जब-जब संसार में मानवता और इंसानियत का अभाव हुआ है तब-तब संसार उसका दुष्परिणाम झेला है। हिंसा किसी भी रूप में लाभदायक व हितकारी नहीं होती मानव के अंदर मानवता का विकास, संस्कार, शिक्षा, धर्म, ध्यात्म, पुस्तकों, फिल्मों आदि द्वारा ही होता है। सभी देश अपने नागरिकों में कम से कम इतनी मानवता तो जागृत करें जिससे वो अपनी संतान (बेटी) को जन्म लेने दे। यदि बेटियाँ नहीं रहेगी तो संसार भी नहीं रहेगा, परिवार, समाज की तो कल्पना भी करना बेकार होगा ।
whatsapp