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ISBN 13 | 9789388278232 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 120 |
Author | ADITI KISHORE |
Editor | 2019 |
GAIN | Y7FE5TDLUA7 |
Category | Poetry |
Weight | 200.00 g |
Product Details
अपनी बात तो हर कोई करता ही है, मेरी ये कोशिश है कि मैं उन लोगों की जुबान बन जाऊँ जो महसूस तो करते हैं पर कुछ कह नहीं पाते ! कभी शब्द कम पढ़ जाते हैं और कभी हिम्मत !‘मैं’ से ‘हम’ अगर बन जाएँ हम जुड़ जाएँ साथ दो, चार.. फिर सौ हाथ बदल दें… आज के हालात छोड़ सकें कल के लिए… बेहतर सौगात मिटा रातों के घुप अँधेरे… खींच लाएँ… किस्मत से… नित नए सवेरे बस इतना ही है, मन में मेरे सूत*….सुता* बन… रही हूँ कात* अपना लें, अपनी बना लें… मेरी…. ‘अपनी बात’ !