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Adhuri khwahishey

Adhuri khwahishey

Sold By:   Anuradha Prakashan
₹355.00₹320.00

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ISBN 13 9789391873042
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 111
Author VINITA DHAKAD
Editor 2021
GAIN YMBLX4QF4I5
Category Poetry  
Weight 200.00 g

Product Details

भारत भूमि के मात्र एक कण के बराबर मध्यप्रदेश में माँ नर्मदा के पावन तट पर बसा एक छोटा सा ग्राम बरहा कलां जिसकी गोद में मेरी जिंदगी की पहली किरण ने अंगड़ाई ली। यहीं से शुरू हुआ जिंदगी का सफर । गाँव में शिक्षा की उचित व्यवस्था ना होने के कारण घर से दूर मौसी जी के पास रहकर पढ़ाई की मौसा जी की कविताओं में अत्यधिक रुचि होने के कारण पढ़ाई के साथ-साथ साहित्य जगत से भी परिचय हुआ उनके साथ बैठकर कविताएं सुनना, पढ़ना अच्छा लगता था यहीं से शुरू हुआ मन के भावों को टूटे-फूटे शब्दों में पिरोने का सिलसिला । उम्र बढ़ती गई लेखन के प्रति रुझान भी बढ़ता गया । पापा के विचारों ने सोच को विस्तार दिया और आगे बढ़ने की प्रेरणा भी और कई लोगों का सहयोग मिला । कुछ उठाने वाले मिले तो कुछ गिराने वाले दोनों से ही कुछ नया सीखने को मिला ।