Shop by Category
Jeevan Mein Bhagwadgeeta

Jeevan Mein Bhagwadgeeta

by   Anil Kumar Gupta (Author)  
by   Anil Kumar Gupta (Author)   (show less)
5.0 Ratings & 1 Reviews
Sold By:   Garuda Prakashan
₹499.00₹295.00

Short Description

लेखक ने नेतृत्व, प्रबंधन, गृहस्थ धर्म, आहार, शिक्षक, विद्यार्थी, कर्तव्यनिष्ठा, किशोरावस्था, रोग, मृत्यु, पर्यावरण, परोपकार, प्रसन्नता, वाणी संयम, पुरुषार्थ, लोभ, अहंकार आदि मनुष्य जीवन से जुड़े लगभग सभी आयामों पर गीता के आलोक में चर्चा की है।

Use coupon to get Free Shipping:

Coupon Code: FREESHIP

More Information

ISBN 13 9798885750691
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 320
Release Year 2023
Publishers Garuda Prakashan  
Category History of Civilization & Culture   Ancient Scriptures  
Weight 340.00 g
Dimension 15.24 x 22.86 x 0.75

Customer Rating

5.0 Star

5.0 Ratings & 1 Reviews
5 Star
100 %
4 Star
0 %
3 Star
0 %
2 Star
0 %
1 Star
0 %

Reviews

जीवन मे 'गीता'

हर घर व कालेज के लिए उपयोगी, एक ऐसी पुस्तक जो दैनिक समस्यों का सरल व सटीक हल प्रदान करने में आप की सहायता करेगी! लेखक को इसके लिए साधुवाद!
Review by - अनिल सक्सेना, February 05, 2023
View All Reviews

Frequently Bought Together

This Item: Jeevan Mein Bhagwadgeeta

₹295.00


Sold by: Garuda Prakashan

₹339.00


Sold By: Garuda Prakashan

₹167.00


Sold By: Garuda Prakashan

Choose items to buy together

ADD TO CART

Book 1
Book 2
Book 2

This Item: Jeevan Mein Bhagwadgeeta

Sold By: Garuda Prakashan

₹295.00

Total Price : ₹295.00

Product Details

अनिल कुमार गुप्ता की “जीवन में भगवद्गीता” बताती है कि आज के व्यवहारिक युग में श्रीमद्भागवद्गीता कैसे प्रासंगिक होने के साथ-साथ हमें सही मार्ग दिखा सकती है। इस पुस्तक में लेखक ने गीता के श्लोकों का सन्दर्भ देते हुए न सिर्फ आपाधापी भरे जीवन में उत्पन्न हो रही स्वास्थ्य समस्यायों के निराकरण का मार्ग दिखाया है, वरन आज के जीवन में जिन गुणों की हमें आवश्यकता है, उन्हें हम कैसे निखार सकते हैं, इसके बारे में भी विस्तार से बताया है। सरल भाषा में लिखी ये पुस्तक अपने गुरु के सानिध्य में रह कर लेखक के लगभग 40 वर्षों के अध्ययन, विवेचन एवं चिंतन का सार है। इस पुस्तक में नाना प्रकार के विषय, जो तथाकथित आधुनिक जीवन में सभी को उलझा देते हैं, उनको गीता के परिप्रेक्ष्य में रख कर देखने से मिलने वाले उत्तरों को रखा गया है। लेखक ने नेतृत्व, प्रबंधन, गृहस्थ धर्म, आहार, शिक्षक, विद्यार्थी, कर्तव्यनिष्ठा, किशोरावस्था, रोग, मृत्यु, पर्यावरण, परोपकार, प्रसन्नता, वाणी संयम, पुरुषार्थ, लोभ, अहंकार आदि मनुष्य जीवन से जुड़े लगभग सभी आयामों पर गीता के आलोक में चर्चा की है।

“प्रस्तुत पुस्तक में भौतिक विकास और आध्यात्मिक विकास का सुन्दर समन्वय है।”

प्रोफेसर एच सी वर्मा, पद्म श्री

पूर्व प्रोफेसर, आईआईटी (कानपुर)

whatsapp