Shop by Category
best-seller
Ambedkar, Islam Aur Vampanth (अम्बेडकर, इस्लाम और वामपंथ)

Ambedkar, Islam Aur Vampanth (अम्बेडकर, इस्लाम और वामपंथ)

by   Mithilesh Kumar Singh (Author)  
by   Mithilesh Kumar Singh (Author)   (show less)
5 Ratings & 2 Reviews
Sold By:   Garuda Prakashan
₹399.00₹206.00

Short Description

Buy Now

More Information

ISBN 13 9781942426783
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 284
Edition 2022
Release Year 2021
GAIN WUH8YJBCU4D
Publishers Garuda Prakashan  
Category Political Parties   Politics   Indian History   Best Seller Books  
Weight 350.00 g
Dimension 12.70 x 19.80 x 2.00

Customer Rating

5 Star

5 Ratings & 2 Reviews
5 Star
100 %
4 Star
0 %
3 Star
0 %
2 Star
0 %
1 Star
0 %

Reviews

दिमाग को खोलने वाली किताब

यह पुस्तक सबके लिए पठनीय है ।यह अंबेडकर के बारे में नई दृष्टि देती है।
Review by - अनुराधा, November 18, 2021

सिंह

एक शोधपरक बेहद अच्छी पुस्तक
Review by - सुधीर, November 28, 2021
View All Reviews

Frequently Bought Together

This Item: Ambedkar, Islam Aur Vampanth (अम्बेडकर, इस्लाम और...

₹206.00


Sold by: Garuda Prakashan

₹594.00


Sold By: Garuda Prakashan

₹270.00


Sold By: Garuda Prakashan

Choose items to buy together

ADD TO CART

Book 1
Book 2
Book 2

This Item: Ambedkar, Islam Aur Vampanth (अम्बेडकर, इस्लाम और वामपंथ)

Sold By: Garuda Prakashan

₹206.00

History of Hindumisia & Hindu Genocides

Sold By: Garuda Prakashan

₹594.00

Saffron Swords

Sold By: Garuda Prakashan

₹270.00

Total Price : ₹206.00

Product Details

कभी मीम-भीम के नाम पर, तो कभी हिन्दू धर्म के विरोधी के तौर पर बाबा साहब अम्बेडकर को अपना बनाने को दोनों ही खेमे उत्सुक दिखाई देते हैं। पुस्तक में अम्बेडकर के विचारों को आज के परिप्रेक्ष्य में रख कर लेखक ने इन दोनों खेमों के कुत्सित तर्कों को बिंदुवार ध्वस्त किया है, और ये बताया है कि अम्बेडकर के विचार इस्लाम और वामपंथ, दोनों को लेकर कितने स्पष्ट थे और जिनसे ये स्थापित होता है कि वे इन दोनों के हिमायती तो बिलकुल भी नहीं थे और इसलिए इन दोनों खेमों द्वारा अम्बेडकर को अपना बताने के प्रयास एक छलावा हैं, जिससे वे आज की अपनी राजनीति का उल्लू सीधा करना चाहते हैं।

अम्बेडकर क्या सोचते थे इस्लाम और वामपंथ के बारे में? आज के इस्लामी और वामपंथी नेतृत्व में उन्हें अपना बनाने की होड़ के पीछे रंच मात्र भी सत्यता है क्या? मिथिलेश कुमार सिंह की पुस्तक इन सभी बातों को स्पष्टता से रखती है।

whatsapp