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Sangh Parivar ki Rajneeti: Ek Hindu Aalochana
5.0 Ratings & 3 Reviews
Sold By:
Garuda Prakashan
₹449.00₹324.00
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ISBN 13 | 9798885750387 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Publishing Year | 2022 |
Total Pages | 268 |
Release Year | 2022 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Politics |
Weight | 300.00 g |
Dimension | 22.00 x 14.00 x 2.00 |
Customer Rating
Reviews
A Must Read !
A Must read for all Hindus to know RSS and its claim of being a pro- Hindu organisation
Review by -
SUNNY SINGH,
August 22, 2022
प्रसंशा से अधिक ध्यान स्वस्थ आलोचना पर देना भी जरूरी है
क्यों न हिन्दू समाज अपने अन्दर से समस्या का समाधान करें?
Review by -
कल्याण सिंह,
November 25, 2022
संघ/भाजपा पर आंख खोलने वाली आलोचना. इस secular पार्टी की सच्चाई
शंकर शरण जी ने बहुत विस्तार से उजागर किया है
- गांधी की दिशाहीन राजनीति को आगे बढ़ाना
- हिंदूओं को धीरे धीरे कमजोर करना
- हिंदू हितों पर चोट करना। मौका देख कर फायदे उठा लेना।
- करीब पांच दशक की पड़ताल
हिंदुओं को अपने हितों के लिए अलग पार्टी तलाशनी होगी.
Review by -
सुरेश कुमार शुक्ल,
April 28, 2023
Product Details
उस पर बनी-बनाई, अच्छी-बुरी मान्यताओं से हट कर यह उन बुनियादी मुद्दों पर आधारित है, जिन से हिन्दू समाज का हित प्रभावित होता है । इस में स्वतंत्र विद्वानों, लेखकों, तथा संघ के पुराने स्वयंसेवकों के विचार शामिल हैं । साथ ही, गत दो दशक में समय-समय पर लेखक के अपने अवलोकन भी संकलित हैं । इस तरह, यह पुस्तक गत आठ दशकों में संघ परिवार की राजनीति की एक परख है । इस पड़ताल की कसौटी कोई मतवाद नहीं, वरन हिन्दू समाज का हित है।