Sangachchhadhvam: Sindhu Tat kaa Anaam Gaanv
Short Descriptions
पुस्तक के बारे में:
'सिन्धु तट का अनाम गाँव' लेखक अञ्जेश बरनवाल द्वारा लिखित संगच्छध्वम् शृंखला का प्रथम खण्ड है।
ऋग्वेद में वर्णित बिखरे हुए मनकों को बड़ी ही सुन्दरता और रोचकता के साथ एक माला के रूप में पिरोते हुए इस कहानी की रचना की गई है। आज से हजारों वर्ष पूर्व हमारे पूर्वजों ने अपने कर्मों से जिस सभ्यता की जड़ों को रोपा था, यह उपन्यास उन जड़ों को बड़े ही सरल और सहज रूप में बखूबी बयाँ करता है।
More Information
ISBN 13 | 9798885750424 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 216 |
Release Year | 2022 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | New Release Books Historical Fiction Religion Culture and Heritage |
Weight | 150.00 g |
Dimension | 13.97 x 21.59 x 1.30 |
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Product Details
"संगच्छध्वम्" ऐसी कहानी है, जो खुले आकाश में पंख फैलाए अपनी कल्पना की उड़ान भरते हुए भी तथ्यों के धरातल को पूरी मजबूती के साथ पकड़े हुए है। ऐसा करते हुए यह कहानी ऋग्वैदिक काल के यथार्थ को प्रस्तुत करने का एक सत्यनिष्ठ प्रयास करती है। ऋग्वैदिक समाज, अर्थनीति, राजनीति, धर्म व कर्म इत्यादि से सम्बन्धित अनेकानेक तथ्यों को पिरोते हुए सृजित यह कहानी ज्ञानवर्धक होने के साथ ही साथ उद्देश्यपरक भी है। इसका लेखन किसी भी आयु-वर्ग के स्त्री-पुरुष को ध्यान में रख कर किया गया है, जो हमारी सांस्कृतिक जड़ों के प्रति तनिक भी जिज्ञासु हैं।