Sanatan Dharma: Hindu Dharma Aur Naitikta Par Ek Prathmik Pathya Pustak
Short Descriptions
इस पुस्तक के माध्यम से सुधि पाठक स्वयं के व्यक्तित्व में सनातन धर्म और सत्यप्रियता, सत्यवादिता, पवित्रता, कर्त्तव्यपरायणता, आत्मनिर्भरता, सत्यनिष्ठा, धर्माचरण, सौम्यता तथा संतुलन जैसी सार्वभौमिक नैतिकता की नींव को सुदृढ़ कर सकते हैं।
More Information
ISBN 13 | 9798885750769 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 252 |
Release Year | 2023 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Religion Civilisational |
Weight | 240.00 g |
Dimension | 13.90 x 21.60 x 1.51 |
Details
इस पुस्तक का उद्देश्य हिन्दू धार्मिक और नैतिक प्रशिक्षण को पश्चिमी शिक्षा के साथ संयोजित करने के साथ-साथ वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुकूल करना है। इस पुस्तक को उन सभी सिद्धांतों से पृथक रखा गया है, जिन पर विभिन्न मान्यता प्राप्त रूढ़िवादी विचारधाराओं के बीच में विवाद या मतभेद हैं। इस पुस्तक के माध्यम से सुधि पाठक स्वयं के व्यक्तित्व में सनातन धर्म और सत्यप्रियता, सत्यवादिता, पवित्रता, कर्त्तव्यपरायणता, आत्मनिर्भरता, सत्यनिष्ठा, धर्माचरण, सौम्यता तथा संतुलन जैसी सार्वभौमिक नैतिकता की नींव को सुदृढ़ कर सकते हैं। इस पुस्तक के तीन भागों: “बुनियादी धार्मिक विचार”, “सामान्य हिन्दू धार्मिक आचार और संस्कार” तथा “नैतिक शिक्षा” पर विस्तृत चर्चा की गई है। इस पुस्तक में एक अस्तित्व, कई अस्तित्व, पुनर्जन्म, कर्म, यज्ञ के साथ-साथ संस्कार, श्रद्धा, एवं नैतिकता के विभिन्न आयामों पर सरल भाषा में गूढ़ चर्चा की गई है।
यह पुस्तक हर सुधि पाठक के मन में सही सोच की दृढ़ नींव रखने में और उन्हें स्वयं को मातृभूमि के प्रति पवित्र, नैतिक, कर्तव्यनिष्ठ एवं उपयोगी नागरिक के रूप में आकार देने में उपयोगी सिद्ध होगी।