Shop by Category
Bharat Ka Veer Yoddha Maharana Pratap

Bharat Ka Veer Yoddha Maharana Pratap

by   Sushil Kapoor (Author)  
by   Sushil Kapoor (Author)   (show less)
₹163.00

Short Description

अपनी आन के पक्के महाराणा प्रताप को मेवाड़ का शेर कहा जाता है। हल्दीघाटी के युद्ध में वह मुगल सेना से हार गए और उन्हें जंगलों में अपने परिवार के साथ शरण लेनी पड़ी। वहाँ कई-कई दिन उन्होंने भूखे-प्यासे और घास-पात की रोटियाँ खाकर गुजारे। महाराणा प्रताप का जन्म सिसोदिया राजपूतों के वंश में हुआ।

More Information

ISBN 13 9789350485712
Book Language Hindi
Binding Paperback
Edition 1st
Release Year 2019
GAIN IK8PNTMN9E1
Publishers Prabhat Prakashan  
Category Biography/Autobiography  
Weight 250.00 g
Dimension 14.00 x 2.00 x 22.00

Frequently Bought Together

This Item: Bharat Ka Veer Yoddha Maharana Pratap

₹113.00


Sold by: Swadhyayam

₹244.00


Sold By: Garuda Prakashan

₹549.00


Sold By: Garuda Prakashan

Choose items to buy together

ADD TO CART

Book 1
Book 2
Book 2

This Item: Bharat Ka Veer Yoddha Maharana Pratap

Sold By: Swadhyayam

₹113.00

R.N. Kao Gentleman Spymaster

Sold By: Garuda Prakashan

₹549.00

Total Price : ₹113.00

Product Details

उनके पिता उदय सिंह स्वयं एक प्रबल योद्धा थे। उन्होंने कभी मुगलों के सामने घुटने नहीं टेके। युद्ध से बचने के लिए आस-पास के कई राजपूत राजाओं ने अपनी पुत्रियों के विवाह अकबर के साथ कर दिए, लेकिन उदय सिंह ने वैसा नहीं किया। महाराणा प्रताप ने भी अपने पिता की नीति का अनुसरण किया। मुगल बादशाह अकबर को यह बात बहुत खटकती थी। इसी का बदला लेने के लिए उसने मानसिंह और राजकुमार सलीम के नेतृत्व में सेना भेजी। हल्दीघाटी के मैदान में हुए युद्ध में महाराणा प्रताप के अंतिम सैनिक तक ने बलि दे दी। तब जाकर मुगल सेना बढ़त बना पाई। जंगल में भूख से बिलबिलाते बच्चों को महाराणा प्रताप कब तक देख पाते। आखिर उन्होंने अकबर को आत्मसमर्पण का खत लिखने का फैसला किया। लेकिन तभी देशभक्‍त भामा शाह मदद लेकर आ गया। आगे फिर संघर्ष जारी रखा। साहस, शौर्य, निडरता, राष्‍ट्रप्रेम और त्याग की प्रतिमूर्ति भारत के वीर योद्धा महाराणा प्रताप की प्रेरणाप्रद जीवनी|

whatsapp